बुधवार, दिसंबर 29, 2010
इस बरस के आंसू
यह गत वर्ष कई मायनों में घपलों- घोटालों के साल के रूप याद किया जाएगा। घपलों घोटालों ने सरकार को परेशान भर किया, विपक्ष को मुद्दा दे दिया। जबकि आम जनता को रुला गया। कभी शहीद जवानों कि विधवाओं के लिए बनाए गए आदर्श सोसाइटी के फ्लाटों कि हुई डकैती ने रुलाया तो कभी २ जी स्पेक्ट्रम कि नीलामी में लाखों करोड़ रुपये की महालूट ने। खेलों की चमकदार उपलब्धियों की ओर से करोड़ों के घपले ने जनता की नजर हटा दी तो साल के जाते-जाते प्याज की कालाबाजारी ने आम जनता को खूब रुलाया. इस वर्ष के आंसू को जनता कभी भूल नहीं पायेगी.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें